!!हर हर महादेव!!
महादेव ज्योतिष प्रतिष्ठान यह येक संस्था है!
यदि मंगल उस कुंडली के लिए शुभ है तो संतान प्राप्ति हो जाती है, अन्यथा संतान होने में समस्या आती है। यदि कुंडली के द्वादश भाव में पंचम भाव का स्वामी और देव गुरु बृहस्पति युति कर रहे हों तथा कुंडली के अष्टम भाव का स्वामी और मंगल पंचम भाव में विराजमान हो तो संतान सुख की कमी होती है।
पति और पत्नी की जन्म कुंडली के सही अवलोकन से ही ज्ञात हो सकता है कि संतान हीनता समस्या कितनी गंभीर है, और बाधाकारक ग्रहों या उनके देवताओं का जाप ,दान ,हवन आदि शुभ क्रियाओं के करने से पुत्र प्राप्ति संभव है या नहीं | प्राचीन ज्योतिष ग्रंथों में संतान सुख के विषय पर बड़ी गहनता से विचार किया गया है भाग्य में संतान सुख है या नहीं पुत्र होगा या पुत्री अथवा दोनों का सुख प्राप्त होगा? संतान कैसी निकलेगी ? संतान सुख कब मिलेगा और संतान सुख प्राप्ति में क्या बाधाएं हैं और उनका क्या उपचार है इन सभी प्रश्नों का उत्तर जन्म कुंडलियों के गहन विश्लेषण से प्राप्त हो सकता है | जाप, हवन और वैदिक उपाय द्वारा चमत्कारिक परिणाम प्राप्त होते देखे गए हैं |
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