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Bhootapretaadik Baadha

भूतप्रेतादिक बाधा

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भूतप्रेतादिक बाधा

Bhootapretaadik Baadha

!!हर हर महादेव!!
महादेव ज्योतिष प्रतिष्ठान यह येक संस्था है!

प्रेत बाधा का अ‍र्थ मनुष्‍य के शरीर पर किसी भूत-प्रेत का साया पड़ जाना है। यह योग न केवल जातक को परेशान करता है अपितु उसके पूरे परिवार को भयभीत कर देता है। प्रेत बाधा में अदृश्‍य शक्‍तियां मनुष्‍य के शरीर पर कब्‍जा कर लेती हैं। ज्‍योतिषशास्‍त्र के अनुसार कुंडली में प्रेत बाधा योग बनने पर जातक को भूत-प्रेत से पीड़ा मिलती है।
प्रेत बाधा योग के प्रभाव में व्‍यक्‍ति के जीवन पर केवल नकारात्‍मक असर ही पड़ते हैं। वह स्‍वयं और दूसरों को हानि पहुंचाता है। उसे ऐसी चीजें दिखाई देती हैं जो अन्‍य किसी को नहीं दिखती जैसे उसे कोई घूर रहा है या उसे कोई मारना चाहता है आदि। कुंडली के विशेष योग बनने पर जातक प्रेत बाधा से पीडित होता है, जैसे -:
कुंडली में प्रथम भाव में चन्द्र के साथ राहु की युति होने पर एवं पंचम और नवम भाव में कोई क्रूर ग्रह स्थित हो तो उस जातक पर भूत-प्रेत, पिशाच या बुरी आत्माओं का प्रभाव रहता है। इसके अलावा गोचर के दौरान भी यही स्थिति रहने पर प्रेत बाधा से पीडित होना निश्‍चित है।
कुण्डली में शनि, राहु, केतु या मंगल में से किसी भी एक ग्रह के सप्तम भाव में होने पर जातक को भूत-प्रेतों से कष्‍ट मिलता है। ये जातक ऊपरी हवा आदि से परेशान रहते हैं।

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